सहारा प्रमुख सुब्रोतो रॉय सहारा को आज तिहाड़ जेल में बन्द हुए पूरे दो साल हो चुके हैं। सुप्रीमकोर्ट ने 4 मार्च 2014 को निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपये न चुकाने के मामले में सजा सुनायी। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रोतो रॉय सहारा को जमानत देने के लिए सेबी के पास 10,000 करोड़ रुपये जमा करने की शर्त रखी है। जिसमे से सहारा प्रमुख को 5000 करोड़ रुपये नगद और 5000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करानी है। जो वो अभी तक नहीं करा पाये हैं। जिसके वजह से वो अभी तक जेल में ही हैं।

subrata roy sahara in jail

इन दो सालों में सहारा प्रमुख ने जेल में रहकर कुछ किताबें भी लिखी है जिनमें से “लाइफ मंत्रास” नाम की किताब का विमोचन  सोमवार को किया गया है जो उनके द्वारा लिखी जा रही चिंतन तिहाड़ की श्रंखला का पहला भाग है। इस किताब की तीन श्रंखला है। उनके द्वारा भविष्य में “थिंक विद मी- हाउ टू मेक अवर कंट्री आइडियल” और “रिफ्लेक्शंस फ्रॉम तिहाड़- ए बुक ऑन तिहाड़ जेल” नाम से आएंगी। अपनी पहली किताब में उन्होंने अपने द्वारा तिहाड़ जेल बिताये गए दो सालों का अनुभव लिखा है। सुब्रोतो रॉय को पेशी पर कोर्ट में ले जाते हुए कई बार विरोध का भी सामना करना पड़ा है।

subrata roy sahara in jail

फ़िलहाल में अभी सहारा प्रमुख को सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत मिलती नहीं नजर आ रही है। अभी ये कह पाना मुश्किल होगा की वो अभी कितने दिन और तिहाड़ जेल में काटेंगे। क्यूंकि सुप्रीम कोर्ट पहले भी कई बार उनकी जमानत याचिका ख़ारिज कर चुकी है। अब तो ये देखना दिलचस्प होगा की सहारा प्रमुख कब अपनी जमानत की राशि जमा करवाते है और तिहाड़ जेल से बहार आते हैं।

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