योगी सरकार के ऐसे कई मंत्री हैं जो अपने विवादित बयान की वजह से हमेशा ही चर्चा में बने रहते हैं. ऐसे में मंत्रियों की बयानबाजी को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुस्सा अनयास नहीं है. बता दें कि अपने बेफिजूल के बयानों से सरकार की फजीहत कराने वाले मंत्रियों की लंबी लिस्ट है. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इस लिस्ट में योगी सरकार के कई सारे कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं.

लिस्ट में योगी सरकार के कई कैबिनेट मंत्री:

सरकार में साझीदार अथवा सुभासपा के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर तो आए दिन कोई ना कोई विवादित बयान देकर सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करने में लगे ही रहते हैं, लेकिन इस लिस्ट में उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा से लेकर भाजपा से जुड़े कई वरिष्ठ मंत्री भी शामिल है.

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के बयान:

29 सितंबर को राजधानी में हुए चर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड में सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के बयान से पार्टी और सरकार की खासी किरकिरी हुई थी. विवेक तिवारी हत्याकांड में धर्मपाल सिंह ने बयान दिया था –

गोली उन्हीं को लग रही है जो वास्तव में अपराधी हैं . एनकाउंटर में कोई गलती नहीं हुई. न्याय सब को मिलेगा ,जो गलती करेगा उसको दंड भी मिलेगा .

धर्मपाल सिंह का यह विवादित बयान सरकार पर हमलावर साबित हुआ और इस बयान से प्रदेश सरकार की काफ़ी किरकिरी हुई है. 

डिप्टी CM डॉक्टर दिनेश शर्मा का बयान:

अपने विवादित बयान से घिरने वालों में डिप्टी CM डॉक्टर दिनेश शर्मा भी शामिल हैं. बीते जून एक कार्यक्रम में उन्होंने सीता माँ पर विवादित बयान दे डाला था.

सीता जी का जन्म मिट्टी के घड़े से हुआ था यानी उस समय भी टेस्ट ट्यूब से बच्चे पैदा करने का कॉन्सेप्ट था. सीता जी भी टेस्ट ट्यूब बेबी हो सकती हैं

आपको बता दें कि डिप्टी CM डॉक्टर शर्मा के इस बयान की खूब आलोचना हुई और इस बयान पर विपक्ष ने सरकार की खूब आलोचना की.

कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी:

फूलपुर लोक सभा सीट के उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में ही विवादित बयान दे डाला था. फूलपुर की चुनाव रैली में नंदी ने बसपा सुप्रीमों मायावती को शूर्पणखा और पूर्व सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को रावण बताया था. यही नहीं उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मारीच कह डाला था. इसे लेकर भी विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा पर ख़ासा हमलावर रहा.

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह:

गोरखपुर के BRD मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत ने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था. वहीँ इस बीच विपक्ष के साथ-साथ दूसरी बड़ी हस्तियां भी इस मामले को लेकर सरकार से सवाल पूछ रही है.इस बीच BRD मेडिकल कॉलेज में 60 से ज्यादा बच्चों की मौत पर योगी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि –

ऑक्सीजन की कमी की वजह से बच्चों की मौतें नहीं हुई हैं. उन्होंने दावा किया कि बच्चों की मौत स्वाभाविक है और हर साल अगस्त महीने में बच्चों की मौत की संख्या बढ़ती है.

हालांकि उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि 10 अगस्त को तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति चार घंटे के लिए बाधित रही थी. साथ ही मंत्री ने कहा कि ‘त्रासदी के लिए जिम्मेदार किसी को भी छोड़ा न जाए’.

अनुपमा जायसवाल का विवादित बयान:

बीजेपी नेताओं को दलितों के घरों में भोजन करते और दौरा करते देखा जाना आम बात है. लेकिन इन दौराेें को लेकर यूपी सरकार की मंत्री अनुपमा जायसवाल ने विवादित बयान दे डाला था. उन्‍होंने कहा था कि –

दलितों के घर में पूरी रात मच्‍छर काटते हैं. इसके बावजूद बीजेपी नेता उनके घर जाते हैं.

अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर विरोधी पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि –

राहुल गांधी सहित तमाम लोगों का नार्को टेस्ट करना चाहिए, ताकि पता चल सके कि उनको देश से कितना प्रेम है।

यही नहीं उन्नाव गैंगरेप मामले में बैरिया के बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह ने उन्नाव गैंगरेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के बचाव में बेहद शर्मनाक बयान दिया था. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि –

कोई भी तीन-चार बच्चों की मां से दुष्कर्म नहीं कर सकता, यह संभव नहीं है. उन्होंने अपने बयान में दावा किया कि यह कुलदीप सिंह के खिलाफ साजिश है. 

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