समाजवादी पार्टी के लिए आज दिन बहुत बड़ा साबित हो रहा है। तेजी से बदल रहे घटनाक्रम में शह और मात का खेल जारी है। शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से निकाला गया। इस घटना के बाद बड़ी प्रतिक्रिया तो आनी थी और आई भी। मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।  केवल एक लेटर ने रविवार सुबह से यूपी की राजनीति की दशा और दिशा दोनों को बदलकर रख दिया है। शिवपाल यादव के कद और ओहदे को देखते हुए प्रोफेसर साहब का शिवपाल यादव को निशाना बनाना महंगा पड़ा।

  • प्रोफ़ेसर रामगोपाल यादव ने एक और पत्र जारी करते हुये कहा, मुझ पर लगाये गये आरोप एक घटिया सोच है।
  •  ये धर्मयुद्ध है और मै अखिलेश के साथ हूँ।
  • रामगोपाल ने कहा कि मुलायम इस वक्त राक्षसीय शक्तियों से घिरे हुए हैं।

पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहींः

  • रामगोपाल ने कहा कि उन्हें पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहीं है।
  • उन्होंने कहा कि मुझें झूठे आरोपों से पीड़ा अवश्य हुई ह।
  • सपा अध्यक्ष शिवपाल यादव से ऐसे बयानों की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी।
  • प्रो. रामगोपाल ने कहा मुझे सीबीआई जांच का कोई डर नहीं है।
  • मेरे बेटे या बहु पर सीबीआई की कोई जांच नहीं चल रही है।
  • पार्टी में रहूँ या न रहूँ मगर अखिलेश के साथ हमेशा हूँ !
  • कार्यकर्ताओं और गरीबों की मैने हमेशा मदद की है।
  • मुझपर लगाये गये सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।

 

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