काशी में धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने के लिए पर्यटन विभाग और वीडीए में एमओयू

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा—इस पहल से प्रदेश में पर्यटन को मिलेगा और बढ़ावा

जल क्रीड़ा और हॉट एयर बैलून का संचालन होगा शुरू, वाराणसी में टेंट सिटी के विकास में बनेंगे भागीदार *

 

लखनऊ । 12 सितंबर। काशी में धार्मिक पर्यटन को नया आयाम देने के लिए पर्यटन विभाग और वीडीए के बीच एमओयू हुआ। काशी में लगभग स्थायी रूप से पर्यटक हॉट एयर बैलून का लुत्फ ले सकेंगे। जल क्रीड़ा की गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी। पर्यटन विभाग और वाराणसी विकास प्राधिकरण मिलकर वाराणसी में टेंट सिटी के विकास में भागीदार बनेंगे। मंगलवार को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ।
पर्यटन निदेशालय में शाम को संक्षिप्त समारोह का आयोजन किया गया । मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन विभाग और वाराणसी विकास प्राधिकरण के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने से पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। जब पर्यटन तेजी से बढ़ेगा तो रोजगार और ज्यादा अवसर मिलेंगे। अभी उत्तर प्रदेश घरेलू पर्यटन में देश में सबसे आगे है। हमारा प्रयास है कि न केवल घरेलू बल्कि दूसरे देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी हम अव्वल हों। वाराणसी पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। काशी ​विश्वनाथ कारिडोर बनने के बाद वहां बहुत तेजी से आर्थिक और सामाजिक बदलाव हुए हैं। विश्वनाथ कारिडोर की तर्ज पर मथुरा में भी कारिडोर बनाने की तैयारी है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि कुछ समय पहले ट्रायल के तौर पर काशी में हॉट एयर बैलून की सुविधा पर्यटकों को प्रदान की गई थी। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए पर्यटकों को हॉट एयर बैलून की सुविधा स्थायी रूप से प्रदान करने की तैयारी है। इसके साथ ही वाटर टूरिज्म में बहुत सी संभावनाएं हैं। हम एक सर्वेक्षण करा रहे हैं कि किन स्थानों पर कौन सी जल क्रीड़ा कराई जाए।

वीडीए के उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने कहा कि वाराणसी में बहुत तेजी से पर्यटन को बढ़ावा मिला है। वीडीए और पर्यटन विभाग के बीच एमओयू होने से पर्यटकों को और अधिक विकल्प मिलेंगे। ​

नया आयाम

धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन के मामले में बाबा भोलेनाथ की नगरी पहले से ही काफी समृद्ध है। हॉट एयर बैलून और जल क्रीड़ा गतिविधियों के शुरू होने से साहसिक पर्यटन को भी तेजी से बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यहां पर्यटन को एक नया आयाम मिलेगा। जो पर्यटक धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे, उनके सामने हाट एयर बैलून और जल क्रीड़ा गतिविधियों का विकल्प भी होगा। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

एमओयू की शर्तें

एमओयू की शर्तों के अनुसार, पर्यटन विभाग प्रचार—प्रसार, ब्रांडिंग, व्यवसाय और मदद के लिए नॉलेज पार्टनर के रूप में कार्य करेगा। पर्यटन विभाग सभी सहायता पर्यटन नीति 2022 के तहत करेगा। जबकि वीडीए निविदा जारी करने और जमीन खरीद करने के लिए जिम्मेदार होगा। वह प्रतिदिन के समन्वय के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। परियोजना के विकास और संचालन के लिए जिम्मेदार होगा। वीडीए किसी भी आवश्यक पूंजी निवेश और अनुमोदन के लिए भी जिम्मेदार होगा। परियोजना से एकत्र राजस्व को इसके वित्तपोषण के लिए निर्देशित किया जाएगा।इसके अलावा कई और बिंदुओं पर समझौता हुआ है। पर्यटन विभाग और वाराणसी विकास प्राधिकरण के बीच इस सहयोगी उद्यम को एक संयुक्त पहल के रूप में प्रमुखता से ब्रांड किया जाएगा, जो परियोजना की सफलता के लिए उनके सामूहिक समर्पण को उजागर करेगा।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें