चर्चित कुंडेसर चट्टी हत्याकांड में मंगलवार को अपर जिला सत्र न्यायाधीश अवध बिहारी सिंह ने साक्ष्य के अभाव में माफिया एमएलसी बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को दोष मुक्त कर दिया है।

एडवोकेट सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि अर्ताउर रहमान उर्फ बाबू निवासी महरुपुर ने 2 मई 1991 को भांवरकोल थाना में मुकदमा दर्ज कराया था कि वह अफजाल अंसारी चुनाव प्रचार कर करीब 9:30 बजे रात को मुहम्मदाबाद वापस लौट रहे थे कि कुंडेसर चट्टी पर उनकी जीप खराब हो गयी वह पानी लेने के लिए उतरे तभी पीछे से आ रही मारुती कार में सवार पांच लोगों ने स्वचालित असलहों से जीप पर गोलियों को बौछार कर दी। जिससे घटना स्थल पर सुरेंद्र राय, कमला सिंह व झिंगुरी गुप्‍ता की मौत हो गयी व कामेश्वर राय, दीनानाथ राय व कैप्टन जगरनाथ गंभीर रुप से घायल हो गये।

पुलिस मुकदमा दर्ज कर घटना की छानबीन में लग गयी। करीब एक महीना चार दिन बाद तफ्तीश के दौरान माफिया डान बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह आदि को इस हत्याकांड में मुल्जिम बनाया। इलाज के दौरान रामेश्वर राय की मौत हो गयी। 27 वर्ष अदालत की कार्रवाई के बाद आज अपर सत्र न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को दोष मुक्त कर दिया। मंगलवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एमएलसी बृजेश सिंह व त्रिभुवन सिंह को अदालत में पेश किया गया। मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के बाद पुलिस पूरी तरह से सतर्क थी कोई भी जोखिम लेना नही चाहती है। इस अवसर पर बडी़ संख्या में डान के समर्थक भी पहुंचे थे।

इसे भी पढ़िए

उत्तरप्रदेश की स्थानीय ख़बरें

Ghazipur News

बलिया: सुरेंद्र सिंह का विवादित बयान, भैंस से की मायावती की तुलना

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें