सांसद सोनिया गांधी के द्वारा आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गाँव का रियल्टी चेक
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Uttar Pradesh

सांसद सोनिया गांधी के द्वारा आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गाँव का रियल्टी चेक 

गोद लिए गाँवों को भूली सोनिया गांधी, लोगों में गुस्सा

  • बदहाल रास्ते और गांव की बदतर जिंदगी से जूझ रहे गांवों की न तो दशा बदल रही है और न ही ग्रामीणों के जीवन में सुधार आ पा रहा है।
  • सोनिया गांधी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत अपने संसदीय क्षेत्र के गांवों को गोद लिया था,
  • लेकिन लोगों का आरोप है कि वो गोद लेने के बाद उन्हें भूल गए हैं।
  • पिछले तीन साल में सोनिया गांधी अपने गोद लिए गाँव में गई ही नहीं हैं
  • इन गाँवों की उपेक्षा से अब ग्रामीणों में मायूसी और गुस्सा दोनों हैं।
  • सोनिया गांधी द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के जगतपुर ब्लॉक के उड़वा गाँव को गोद लिया गया था,
  • लेकिन इस गॉंव के हालात इस कदर खराब हैं कि उस गाँव के 90 प्रतिशत लोग अभी भी खुले में शौच करने जाने को मजबूर हैं।
  • ग्रामीणों के अनुसार गोद लेने के पहले और उसके बाद कभी सोनिया गांधी यहां नहीं आईं हैं।
  • उड़वा गाँव की रहने वाली महिलायें बताती हैं, “जब सोनिया गाँधी ने हमारे गाँव को गोद लिया तो हमें लगा कि बहुत बदलाव होगा,
  • लेकिन तीन साल हो गए, गाँव में एक सड़क बनने के अलावा कुछ भी नहीं है।
  • गाँव के जो पैसे वाले हैं, उन्होंने तो घरों में शौचालय बनवा लिया है, लेकिन जो गरीब हैं वो बाहर शौच करने जाने को मजबूर हैं।’’
  • गाँव की सड़कें खराब है.
  • रायबरेली जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर पूर्व दिशा में स्थित उड़वा गाँव की आबादी पांच हज़ार है।
  • गाँव के ज्यादातर घर मिट्टी के बने हुए हैं।
  • सड़कें ठीक हैं, लेकिन नाले का पानी सड़कों पर भरा दिखता है।
  • गाँव के रहने वाले बताते हैं, “पूरे देश में शौचालय बन रहा है, लेकिन हमारे गाँव में एक भी नहीं बना है।
  • आखिर ऐसा क्यों है? महिलाएं हो या पुरुष, दिन हो या रात बाहर शौच को जाते है।’’
  •  “सोनिया गाँधी के गोद लेने के बाद गाँव में दो सौ मीटर सड़क बनने के अलावा कोई काम नहीं हुआ है।
  • उड़वा गाँव में तो व्यक्तिगत शौचालय कुछ घरों में हैं।
  • बाकी लोग खुले में ही शौच करने जाते हैं।
  • इस गाँव में कोई बदलाव नहीं आया है।
  • गाँव में बिजली की समस्या सबसे बड़ी है।
  • बिजली नहीं आती और कुछ जगहों पर बिजली बहुत कम आती है।
  • गाँव में ज्यादातर लोगों के पास शौचालय नहीं है।
  • “यहां के ज़्यादातर लड़कें बेरोजगार हैं।
  • बारिश शुरू होते ही ईंट भट्ठे का काम भी बंद हो जाता है।
  • ऐसे में ग्रामीण कई महीने काम तक नहीं कर पाते, जिससे उनकी गृहस्थी चले।”
  •  गोद लेने के बाद गाँव में एक रुपए का काम नहीं हुआ है।
  • हर घर में एक-दो बेरोजगार लोग मिल जाएंगे।
  • ग्रामीणों का कहना है कि खराब सड़क गड्ढे प्रमुख समस्या है
  • स्कूलों का हाल बेहाल है नही हैं 8वीं के बाद शिक्षा के लिए स्कूल
  • अस्पतालो का भी हाल बदहाल है कोई भी नेता इस ओर ध्यान नही देता हैं
  • बदहाल रास्ते और गांव की बदतर ¨जिंदगी से जूझ रहे गांवों की दशा नही बदल रही है

 

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