उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बी.आर.डी मेडिकल कॉलेज में अस्पताल एवं जिला प्रशासन की लापरवाही से 35बच्चों सहित करीब 61 लोगों की मौत हो चुकी है. इन मामलों के पीछे अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई का बाधित होना बताया जा रहा है. ऐसे में uttarpradesh.org द्वारा मेरठ के जिला अस्पताल सहित कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई का रियल्टी चेक किया गया.

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रियल्टी चेक में पास हुए मेरठ के अस्पताल-

  • uttarpradesh.org द्वारा मेरठ में अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई का रियल्टी चेक किया गया.
  • ये रियल्टी चेक मेरठ के सरदार बल्लभ भाई चिकित्सालय और जिला अस्पताल पी.एल शर्मा जिला अस्पताल में किये गए.
  • बता दें कि रियलिटी चेक में दोनों अस्पताल पास हुए हैं.
  • पी.एल शर्मा जिला अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से बात की गई.
  • उन्होंने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई की कोई कमी नही है.
  • पहले अस्पताल में 30 सिलेंडर मौजूद थे.
  • लेकिन अब 10 और सिलेंडर माँगा लिए गए हैं.
  • ऐसे में ये भी कहना गलत नही होगा की गोरखपुर की घटना के बाद यहां ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ा दी गई है.
  • इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में 40 ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद मिले.
  • जिसकी जानकारी वहां के फोर्थ क्लास कर्मचारी ने हमें दी थी.

ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट की है व्यवस्था-

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  • इस दौरान जिला अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण बंसल से भी बात की गई.
  • उन्होंने बताया कि इमरजेंसी वार्ड में 10 अतिरिक्त सिलेंडरों की व्यवस्था है.
  • इसके साथ ही ओ.टी में भी 10 अतिरिक्त सिलेंडरों की व्यवस्था है.
  • जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर किसी भी वोर्ड को दिया जा सकता है.
  • डॉ प्रवीण बंसल ने बताया कि इसके अलावा अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट भी लगाया गया है.
  • जिनकी सप्लाई पाइपलाइन के ज़रिये की जाती है.
  • उन्होंने ये भी बताया कि अस्पताल में 250 बेड स्वीकृत हैं.
  • जिनमे से 192 बेडों पर पाइपलाइन के ज़रिये ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है.

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  • जबकि बाकी के अन्य बेडों पर सिलेंडरों से ऑक्सीजन दी जाती है.
  • हालांकि मेरठ जिला अस्पताल रियल्टी चेक के दौरान अस्पताल में कुछ खामियां भी नज़र आई.
  • रियल्टी चेक़ के दौरान टीबी वार्ड का भी निरिक्षण किया गया.
  • जहाँ टीबी वार्ड में जमीन पर मरी हुई छिपकली पड़ी मिली.
  • वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज का मासूम बच्चा फर्श पर सोता हुआ नज़र आया.

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