सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मियागंज उन्नाव में कार्यरत बेसिक हेल्थ वर्कर महिला ने महानिदेशक परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश को लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि उसके साथ कनिष्ठ सहायक मनोज चौरसिया ने 21 अगस्त 18 को बुरी नियत के साथ हमला करते हुए रेप का प्रयास किया एवं जाति सूचक सम्बोधन के साथ अश्लील वार्ता करते हुए धमकी देते हुए मारपीट की है। उनका आरोप है कि किसी तरह उक्त बाबू के चंगुल से छुटी पीड़िता ने स्थनीय पुलिस असीवन थाने में शिकायत कर एफआईआर दर्ज कराने गई तो विभागीय मामला कहकर रिपेार्ट दर्ज नहीं की गई। ऐसी स्थिति स्वंय ही मेडिकल परीक्षण कराया। पीड़िता का इस शिकायत के आधार पर डा. सुनील रावत रंयुक्त निदेशक के नेतृत्व में गठित समिति के समक्ष लिखित बयान भी 13 सितम्बर को दर्ज हो गया है। पीड़िता की मांग है कि उसका तबादला निरस्त करते हुए आरोपी बाबू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए कठोर कार्रवाई की जाए।

पीड़िता ने महानिदेशक परिवार कल्याण को लिखित रूप से कनिष्ठ बाबू के खिलाफ शिकायत देते हुए गत 16 अगस्त को सीएमओ साहब ने मियागंज स्वास्ध्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया था। उस दौरान मैने शिकायत दर्ज कराई थी। इसी बाॅत से नाराज उक्त बाबू ने मुझे भद्दी भद्दी गालिया देते हुए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए धमकाया था कि मेरा क्या कर लिया। इस दौरान धमकी दी कि तुम्हारा तबादला करा दूंगा। पीड़िता का आरोप है कि उक्त बाबू का कहना है कि सभी अन्य महिला कर्मचारी जब पैसा देती है तो तूम क्यो नहीं देती। मुझसे रंजिशन ही मेरी सर्विस बुक और जीपीएफ पास गायब करा दी और इसे बनाने के लिए बीस हजार रूपये का खर्चा बताया इसके एवज में अन्य अमर्यादित मांग रखी।

यही नहीं सीएमओं साहब के 6 अगस्त 18 के निर्देश के बाद उक्त बाबू ने 2 सितम्बर 18 को मेरी सर्विस बुक और जीपीएफ पासबुक बनाई। 21 अगस्त को मेरे साथ बुरी नियत से हमला करते हुए मारपीट और अशोभनीय वार्ता के उपरान्त मेरी शिकायत पर उक्त बाबू के खिलाफ कार्रवाई न करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी उन्नाव ने पीड़िता का ही तबादला 10 सितम्बर को मियागंज प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र से प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र हिलौली कर दिया। पीड़िता ने इस आशय की लिखित शिकायत राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद को देते हुए कार्रवाई की मांग की है। पीडिता की मांग है कि उसके साथ गलत हुए है, ऐसे में सबसे पहले उसका तबादला निरस्त करते हुए उक्त बाबू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उसके साथ न्याय किया जाए।

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