जब नहीं जारी हुआ प्रस्ताव तो कैसे बदलेगी सांसद के गोद लिए गांव की तस्वीर

  •  बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डा. भोला सिंह ने मोदी की तर्ज पर गोद लिए गए गांव भोपतपुर नंगला मे पहुंचकर ग्रामीणों से अनुरोध किया कि वे जनपद मे अपने गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए सहयोग प्रदान करें |
  • टूटी सड़कों, जर्जर स्कूलों की इमारतें, जलभराव और बिजली की समस्या से गांव के लोग जूझ रहे हैं।
  • सांसद ने गांव को चुना तो ग्रामीणों को आस जगी है कि शायद अब उनके गांव के दिन बहुरेंगे।
  • जिला मुख्यालय से दूर होने के कारण अफसर भी इस गांव की ओर रूख नहीं करते।

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  • यही कारण है कि करीब पांच हजार की आबादी वाले इस गांव में विकास की गति बेहद धीमी है।
  • अब यहां के रहने वाले लोगों को अच्छे दिन की आस जगी है।
  • गांव में मुख्य सड़क से लेकर गांव की गलियां सभी टूटी पड़ी है।
  • बरसात के दिनों में गांव में जलभराव के कारण हालत और अधिक खराब हो जाती है।
  • टूटे खंड़जों पर बरसात में सिल्ट जमा हो जाती है। जिस कारण यह पता नहीं चलता कि यहां नाली है या रास्ता।
  • ग्रामीण परम सिंह का कहना है कि बरसात के दिनों में घर से निकलना तक मुश्किल हो जाता है।
भोपतपुर ग्राम का मजरा भोपतपुर आज भी रास्ते के लिए तरस रहा है
  • गांव में जाने के लिए ग्रामीणों को रजवाहे के पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
  • वर्षों से ग्रामीणों की यहां एक छोटा पुल बनाने की मांग चली आ रही है, लेकिन आज तक वह पूरी नहीं हुई।
  • चुनाव के दौरान वोट मांगने आने वाले नेता आश्वासन जरूर देते हैं,
  • लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज तक किसी ने इस ओर पलट कर नहीं देखा।
  • गांव में विद्युतीकरण भी अधूरा है। बिजली के तार जर्जर हो चुके हैं।
  • गांव के बीच से हाइटेंशन लाइन जा रही है, जो जर्जर है।
  • हाइटेंशन लाइन के टूटने से कई बार हादसे हो चुके हैं।
  • उसके बावजूद इन तारों को अभी तक बदला नहीं जा सका है।
  • ग्रामीणों का कहना है कि यदि बिजली के तार बदल जाए तो उन्हें जो बिजली आ रही है
  • वह तो ठीक से मिल जाए।
गांव में विद्युतीकरण भी अधूरा है
  • बिजली के तार जर्जर हो चुके हैं।
  • गांव के बीच से हाइटेंशन लाइन जा रही है, जो जर्जर है। हाइटेंशन लाइन के टूटने से कई बार हादसे हो चुके हैं।
  • उसके बावजूद इन तारों को अभी तक बदला नहीं जा सका है।
  • ग्रामीणों का कहना है कि यदि बिजली के तार बदल जाए तो उन्हें जो बिजली आ रही है,
  • वह तो ठीक से मिल जाए।
  • भोले के गोद लिए गए गांवों के विकास के लिए अभी तक धन नहीं मिला है।
प्रशासन को तो पता ही नहीं है कि धन आएगा कहां से
  • स्थिति यह है कि इन योजनाओं की जानकारी के लिए होर्डिंग लगाने के लिए भी बजट नहीं है।
  • धन न मिलने से गोद लिए गए दोनों सांसदों के गांवों में विकास कार्य शुरू नहीं हो पाए हैं।
  • दूसरी तरफ भोले ने अपनी निधि से एक भी प्रस्ताव जारी नहीं किया है।

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