उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक गरीब महिला ने सरकारी अस्पताल का कड़वा सच देखा। यहां इस महिला से बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 100 रूपये, बेड पर लिटाने के लिए 30 रूपये और इंजेक्शन लगाने के लिए 20 रूपये मांगे गए। जबकी उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों के मुफ्त इलाज का दावा कर रही है।

  • जिला अस्पताल में अपने 10 माह के बच्चे को भर्ती कराने वाले शिवदत्त ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • उनका कहना है कि नर्स की लापरवाही की वजह से उसके 10 महीने के बच्चे की मौत हो गयी।
  • शिवदत्त का कहना है कि उसने अस्पताल के बाल वार्ड में एक बेड हासिल करने के लिये नर्स आशा सिंह को 100 रुपये और सफाईकर्मी को 30 रुपये की रिश्वत दी थी।
  • आरोप है कि रात में तबीयत बिगड़ने पर नर्स ने बच्चे के इंजेक्शन के लिए 20 रुपये मांगे।
  • लेकिन पैसे न देने पर गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिससे नौ अगस्त को उसकी मौत हो गयी।

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स्वास्थ्य मंत्री ने दिये जांच के आदेशः

  • वही, जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ओ पी पाण्डेय ने गलत इंजेक्शन लगाये जाने की बात से इनकार किया।
  • डॉ पाण्डेय ने कहा कि वह एक एंटीबायोटिक इंजेक्शन था, जिसे लगाने से कोई नुकसान नहीं होता है।
  • हालांकि उन्होंने मामले की जांच के लिये तीन चिकित्सकों का पैनल गठित कर दिया है।
  • उन्होंने बताया कि आरोपी नर्स को वार्ड से हटा दिया गया है और रिश्वत लेने के आरोपी सफाईकर्मी को बर्खास्त कर दिया गया है।
  • यूपी के हेल्थ मिनिस्टर एसपी यादव ने कहा है कि जिलाधिकारी को मामले जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
  • दोषियों के लिए खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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