श के लिए बेशकीमती इंजिनियर तैयार करने वाला कानपुर आईआईटी परिसर में खुलेआम ड्रग्स का कारोबार शुरू हो चुका है. आईआईटी के पीछे और आसपास बसे गाँव आईआईटी हॉस्टलों में ड्रग्स सप्लाई कर रहे है. इसका खुलासा जिलाधिकारी और आईआईटी प्रशासन की बैठक में हुआ. खुलासे के बाद जल्द ही आईआईटी की सुरक्षा व्यवस्था और मेन गेट पर एन्ट्री बाहरियों के लिए बंद की जाएगी.

कानपुर कभी देश के इन्जीनियरिंग संस्थानों में नम्बर वन रैंकिंग पर काबिज रह चुका है. यहाॅ के छात्र अपने दमखम पर विशुद्ध देशी तकनीक से विश्व का सबसे छोटा उपग्रह ” जुगनू” बना चुुके हैं. लेकिन शायद अब आईआईटी कानपुर को किसी की बुरी नजर लग चुकी है. नम्बर वन की रैंकिंग से पहले ही फिसल चुके आईआईटी, कानपुर के सामने अब अपने छात्रों को नशे के सौदगरों से बचाने की चुनौती आन खड़ी हुई है. कैम्पस में मादक पदार्थो के तस्कर घुसपैठ कर चुके हैं और छात्र छात्राओं को नशे का लती बना रहे हैं. 

IIT कानपुर में खुलेआम हो रही ड्रग्स की बिक्री:

  • आसपास के गांव बने आईआईटी के लिए खतरा.
  • डीएम और IIT प्रशासन की बैठक में हुआ खुलासा.
  • आईआईटी ज्यादातर छात्र छात्राएं नशे के हुए लती.
  • आईआईटी प्रशासन अब ड्रग की लत के शिकार छात्रों की काउंसलिंग की तैयारी में जुटा है.
  • प्रशासन का कहना है कि आसपास के कुछ लोगों द्वारा कैंपस में ड्रग को लाने का काम हो रहा था.
  • इससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ा है और प्रशासन इसको गंभीरता से ले रहा है.
  • ऐसे छात्रों की पहचान की जा रही है जो ड्रग एडिक्ट हैं और उनकी काउंसलिंग की जाएगी.
  • मनोचिकित्सक की सहायता से उनको ये लत छुड़ाने का प्रयास किया जायेगा.
  • प्रशासन का मानना है कि पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले तेजी से सामने आये हैं और इसको लेकर गंभीरता दिखाने की जरुरत है. 
  • प्रशासन अब कैंपस को ड्रग फ्री जोन बनाने की कायावद में जुटता दिखाई दे रहा है. 

हास्टल वार्डन्स ने सौंपी रिपोर्ट:

  • हास्टल वार्डन्स ने भी इस बाबत अपनी रिपोर्ट मैनेजमेण्ट को भेज दी है कि मादक पदार्थो की सप्लाई हाॅस्टल में हो रही है और ये नशीले पदार्थ यहाॅ रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को खोखला बना रहे हैं.
  • आईआईटी मैनेजमेण्ट को अपनी छानबीन में पता चला है कि ये डग पैडलर्स आसपास की बस्तियों मे रहते हैं और उन्होने कुछ छात्रों से नजदीकियाॅ बना ली हैं.
  • इसके बलबूते वे कैम्पस में आने जाने के लिये एण्टी पास बनवा लेते हैं और आईआईटी सुरक्षा घेरे को आसानी से पार कर लेते हैं.
  • इस बात पुष्टि होने के बाद आईआईटी मैनेजमेण्ट हरकत में आया है.
  • उसने नशे की गर्त में जा चुके चालीस छात्रों चिन्हित किया है.
  • उन्हें सुधारने के लिये अब उनकी मनोवैज्ञानिक काउन्सिलिंग करायी जायगी.


आईआईटी कैम्पस के बाहर बनी कालोनियों में ड्रग सप्लायर्स का ठिकाना:


  • चॅूकि ड्रग सप्लायर्स ने अपने ठिकाने आईआईटी कैम्पस के बाहर बनी कालोनियों में बनाया है और उन्होने कैम्पस में जाने के कुछ चोर रास्ते भी बना लिये हैं.
  • कैम्पस में पुलिस चैकी भी बनी है लेकिन पुलिसवालों का निकम्मापन सामने आ चुका है
  • इसलिये अब मैनेजमेण्ट ने जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है और उन्हें इस कालोनियों में छापेमारी करके डग सप्लार्स को पकड़ने की माॅग की है.
  • इसके अलावा कैम्पस में बाहरी लोगों के प्रवेश सम्बन्धी नियम और कड़े किये जा रहे हैं.
  • उधर जिला प्रशासन ने ड्रग पैडलरों का पता लगाने का जिम्मा एलआईयू को सौंप दिया है.
  • उच्च शिक्षा संस्थानों में मादक पदार्थो का सेवन का मामला कोई नया नहीं है लेकिन दवा के बक्सों में नशीले पदार्थ रखकर कैम्पस के भीतर पहुॅचाये जायें, ये बात खतरे की घण्टी बजाने वाली है.
  • आईआईटी, कानपुर से मिले ये इनपुट चैंकाने वाले हैं कि कुछ मेडिकल स्टोरों मादक पदार्थ दवा के बक्से में छिपा कर रखे जाते हैं और आॅन लाईन मेडिसिन सप्लाई फैसिलिटी की आड़ में नशीले पदार्थ कैम्पस में पहुॅचा दिये जाते हैं.
  • अब आईआईटी, कानपुर के लिये ये बात किसी चुनौती से कम नहीं कि वो अपने मेधावी छात्र-छात्राओं को नशे की गर्त में जाने से रोके और नम्बर वन की रैंकिंग से लुढक कर नम्बर तीन पर पहुॅचे संस्थान को इसका गौरव वापस दिलाये.
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