2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान(clean india mission) के तहत देश को ‘खुले में शौच मुक्त’ बनाने की योजना की शुरुआत की गयी थी, योजना के मुताबिक, केंद्र सरकार ‘घर-घर शौचालय’ बनवा कर उसके इस्तेमाल के लिए आम जनता को जागरूक करना था। उत्तर प्रदेश में भी सरकार स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त कार्यक्रम को जोर-शोर से चलाया जा रहा है, लेकिन सरकार की महत्वपूर्ण योजना में अधिकारी ही पलीता लगाने में जुटे हैं।

ललितपुर जिले में शौचालय बनाये बिना फंड रिलीज़(clean india mission):

  • स्वच्छ भारत अभियान को अमलीजामा पहनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
  • पीएम मोदी से लेकर CM योगी लगातार अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं।
  • जिसके साथ ही अगले डेढ़ साल में प्रदेश के गांवों में डेढ़ करोड़ शौचालय बनाने की तैयारी भी की जा रही है।
  • वहीँ कई गांव ऐसे भी है जहाँ अभी तक शौचालय बने ही नहीं हैं लेकिन अभिलेखों में शौचालय तैयार हैं।
  • सूबे के ललितपुर में एक ऐसे ही गाँव का मामला सामने आया है,
  • जहाँ शौचालय के निर्माण के बिना ही फंड रिलीज़ किया गया।

वीडियो में देखें सच्चाई(clean india mission):

https://www.youtube.com/watch?v=11qsM0aM_Uo

कागजों पर शौचालय, छपरट गाँव में नहीं(clean india mission):

  • जिला ललितपुर तहसील महरौनी गांव छपरट की बात करे तो,
  • यहां का प्रधान एक अनुसूचित जनजाति का और एक राजा के यहाँ बंधुआ प्रधान है।
  • गांव छपरट में 197 शौचायल कागजो में पहले से बने है और 20 नये कागजो में बनकर तैयार हो गए हैं।
  • लेकिन इसकी सच्चाई जानने पहुंची टीम को गांव के दौरे के दौरान एक भी शौचालय नहीं मिला।
  • लोग आज भी हाथ में लौटा लिए खुले आसमान के नीचे जाने को मजबूर हैं,
  • ये महज एक ग्राम पंचायत का मामला नहीं जनपद में आपको बता दें कि, 416 न्याय पंचायतें हैं।
  • जिनमें करोड़ों रुपये शौचालय के नाम पर आता है,
  • पर प्रधान और ग्राम-विकास अधिकारी की साठ गांठ से पैसों का गबन बड़ी ही आसानी से हो जाता है।
  • साथ ही जिले की जिम्मेदार अधिकारी जाँच का बहाना बनाकर अपना कमीशन लेकर जांच से कन्नी काट लेते हैं।

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