उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बड़ी मुसीबत में घिरती हुई नजर आ रही हैं। बसपा सरकार में लखनऊ में बने स्मारकों के घोटाले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराये जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से दर्ज प्राथमिकी की जांच की एक हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट मांगी है। माना जा रहा कि इस मामले में बसपा सुप्रीमों मायावती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

घोटाले का लगाया आरोप :

दायर याचिका में अंबेडकर स्मारक परिवर्तन स्थल लखनऊ, मान्यवर कांसीराम स्मारक स्थल, गौतमबुद्ध उपवन, ईको पार्क, नोएडा अंबेडकर पार्क, रामबाई अंबेडकर मैदान स्मृति उपवन आदि के निर्माण में 14 अरब 10 करोड़ 83 लाख 43 हजार रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है। लोकायुक्त ने जांच रिपोर्ट में इस घोटाले का जिक्र है। ऐसे में इस घोटाले की जांच सीबीआइ या अन्य जांच एजेंसी से जांच की मांग की गई है।

कई लोगों को बनाया है आरोपी :

बताया जा रहा है कि अखिलेश सरकार ने 2017 में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी और इसकी जांच सतर्कता विभाग मामले की जांच भी कर रहा है। साथ ही आरोप है कि राजस्थान से 15 ट्रक पत्थर रवाना हुए लेकिन मौके पर 7 ट्रक ही पहुंचे। आठ ट्रक पत्थर हड़प कर लिए गए। तत्कालीन कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, नसीमुद्दीन सहित कई विधायकों पर घोटाले का आरोपी बनाया गया है।

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