Special Story:- नंद गांव में खेला गया हुरंगा

मथुरा-

उत्तर प्रदेश की तीर्थनगरी मथुरा में होली उत्सव जारी है। नंदगांव में होली खेली गई। ‘फगुवा दै मोहन मतवारे, आजु भोर ही नंदपौर ब्रजवासिन कीच मचाई, बरसाने की गोपी फगुवा मांगन आईं, कियौ जुहार नंद जू कौं भीतर भवन बुलाईं’ आदि पदों के तानों से नंदभवन गूंज रहा था। टेसू के सुगंधित फूलों से बनाया गया प्राकृतिक रंग नंदभवन में मौजूद हर किसी के तन-मन को अपने रंग में रंग रहा था।
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द्वापर में जब फागुन सुदी नवमी को भगवान श्री कृष्ण अपने सखाओं के साथ होली के बाद बिना कोई फगुवा (उपहार) दिए बरसाना से नंदगांव आ गए थे तो बरसाना में सभी गोप-गोपियों ने बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि फगुवा लेने के लिए नंदगांव नंदभवन चलना चाहिए। अगले दिन दशमी को बरसाना के गोपी ग्वाल जुर मिल कर फगुवा लेने के लिए नंदभवन आते हैं। यहां द्वार पर खडे होकर कहती हैं फगुवा दै मोहन मतवारे फगुवा दै। फगुवा के बहाने एक बार फिर नंद के गांव में होली होती है। फाग महोत्सव की इसी लीला को साकार करने के लिए बरसाना के बाद नंदगांव में लठामार होली का आयोजन किया गया।

दसमी दिन आ बरसाने हुरियारिन आ नंदगांम सजीं समकीलि
कल कौ बदलौ अज देंय चुकाय बराबर हो कह गोरी रसीली
रस रंग मिलै फगवा हू मिलै बन गोपन भेष बना गरबीली
बरसानियां इत नंदगांम समाज जुरयौ नंद भौन मनाय रंगीली——

नंदगांव के लोगों द्वारा भव्य स्वागत सत्कार किया है। जैसा कि पहले से अंदेशा था कि लाठियां बरसने वाली हैं तो इसके लिए सिर पर पगड़ी बांधी गई। कुंड से बाहर निकलकर एकत्रित हो ढालों को उपर करते हुए नंद के जमाई की जय से गगनभेदी जयघोष करते हुए भूरे का थोक से नंदभवन की ओर हुरियारे कूच कर रहे हैं।

Report:- Jay

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