गृह मंत्रालय ने एक गैजेट नोटिफिकेशन में सोमवार को आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA), 1958 मेघालय में पूरी तरह से हटा दिया है. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के भी 8 पुलिस स्टेशनों से AFSPA को हटा दिया गया है.

अरुणाचल के 8 पुलिस स्टेशनों से भी हटा AFSPA:

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बलों को खास शक्तियां देने वाले कानून अफस्पा को मेघालय से पूरी तरह हटा दिया, जबकि अरुणाचल प्रदेश में इसे प्रावधानों में थोड़ी ढील दी है.

गृह मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, ‘मेघालय के सभी इलाकों से 1 अप्रैल से अफस्पा पूरी तरह हटाया जा रहा है. वहीं अरुणाचल प्रदेश के 16 थाना क्षेत्रों में से अब यह केवल 8 में ही लागू रहेगा.’

इस बयान में साथ ही बताया गया कि सितंबर 2017 तक मेघालय का 40 फीसदी हिस्से में अफस्पा लागू था. हालांकि राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद मेघायल से इसे पूरी हटाने का फैसला लिया गया.

सरकार ने 2017 में अरुणाचल के 16 पुलिस स्टेशनों पर अफ्सपा लगाया था. यह अब घटकर 8 रह गया है. एक अन्य फैसले में गृह मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में आतंकियों के लिए सरेंडर-रीहैबिटेशन पॉलिसी के तहत रकम 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपया कर दिया है

हालांकि अरुणाचल प्रदेश के तीन पूर्वी जिलों तिरप, लोंगडिंग और चांगलांग में इस विशेष सैन्य कानून को छह महीने के लिए के लिए बढ़ा दिया गया है. ये जिले म्यांमार सीमा से सटे हैं. वहीं असम से सटे सात अन्य जिलों में पड़ने वाले आठ पुलिस थानों में इसे फिलहाल लागू रहेगा.

क्या है AFSPA:

आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट (अफ्सपा) जिन इलाकों में लागू होता है वहां पूरा नियंत्रण सेना के हाथ में होता है. सेना इस कानून के तहत किसी भी इलाके को ‘डिस्टर्ब्ड’ घोषित करके वहां के नागरिकों को गिरफ्तार कर सकती है.

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