इंडियन क्लासिकल म्यूजिक और डांस का चार महीने का सबसे बड़ा डिजिटल फण्ड रेज़र  फेस्टिवल “स्वरा सम्राट फेस्टिवल 20-21” जल्द ही समाप्त होने वाला है। इस फेस्टिवल की शुरुआत 1 नवंबर, 2020 से हुई थी और अब यह 28 फरवरी, 2021 को अपने आखरी शानदार परफॉरमेंस के साथ संपन्न होगा ।

कोलकाता के प्रसिद्ध सरोद वादक पंडित तेजेंद्र नारायण मजूमदार, उनकी पत्नी और फेमस वोकलिस्ट डॉ मानसी मजूमदार, और उनके बेटे पॉपुलर सरोद वादक इंद्रयुद्ध मजूमदार पिछले नौ सालों से अपने शहर में स्वरा सम्राट फेस्टिवल का आयोजन करते आ रहे हैं। हालांकि, कोविड-19 महामारी को देखते हुए, यह पहली बार है कि, उन्होंने वर्चुअल इवेंट करने का फैसला किया। डिजिटल डेब्यू के पहले साल में ही इस इवेंट में कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु जैसे शहरों से 100 टॉप दिग्गज क्लासिकल मास्टरों ने डिजिटल तौर से जुड़कर अपनी परफॉरमेंस दी और इस इवेंट को बहुत ही शानदार बनाया।

अब, इवेंट के समापन में बस कुछ ही दिन बचें हैं, और ऐसे में म्यूजिक प्रेमी लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कुछ आकर्षक परफॉरमेंस देख सकते हैं। पंडित तेजेंद्र नारायण ने यह भी कहा कि स्वरा सम्राट 20-21 के जरिए, वे उन इंडियन आर्टिस्ट की मदद कर सकते हैं, जो कोविद -19 की वजह से आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि, “इस फेस्टिवल के जरिए, हम उन म्यूजीशियन्स के लिए धन इकट्ठा करेंगे जो महामारी के समय से करीब पिछले 8-9 महीनों से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ऐसी स्थिति में, हमें लगा कि हमें साथ आकर एक-दूसरे की मदद करना चाहिए।”

स्वरा सम्राट फेस्टिवल 20-21 में म्यूजीशियन्स जैसे- कौशिकी चक्रवर्ती, बिक्रम घोष, कुशाल दास (कोलकाता में), उल्हास कासलकर (पुणे में), एन राजम (मुंबई में), राजेंद्र गंगानी (दिल्ली में), मैसूर मंजूनाथ, मैसूर नागराज, जयंती कुमारेश और रुक्मिणी विजयकुमार (बेंगलुरु में) ने 36 शानदार परफॉरमेंस दिए।

7 फरवरी को, मोहीम खान नियाज़ी सारंगी और  ज़हीन खान उनके साथ मिलकर तबला पर परफॉर्म करेंगे। वेलेंटाइन डे पर, केदार केलकर, प्रणब गौरव और अमिता बिचू अपने सोलफुल परफॉरमेंस से यकीनन दर्शकों को दिल जीत लेंगे । 21 फरवरी को, पं. कुशाल दास और पं. तन्मय बोस डिजिटल प्लेटफार्म पर परफॉर्म करेंगे।

भारत के कुछ महान हिंदुस्तानी वोकलिस्ट में से एक अश्विनी भिडे देशपांडे ने स्वर सम्राट फेस्टिवल 2020-21 के आयोजकों को इतने शानदार ऑनलाइन इवेंट के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “मैनें सोचा था कि महामारी के दौरान या फिर एक साल तक, मैं अपने रियाज़ पर ज्यादा ध्यान दूंगी। और इस तरह, मैं अपनी कला को दुनिया के सामने बेहतर ढंग से पेश करूंगी। लेकिन फिर, महामारी के समय में एक अच्छे संगीत  के रूप में हमारी आंतरिक आत्मा को शांत और पॉजिटिव रखने की जरूरत थी।”

इस फेस्टिवल के आखिरी दिन यानि कि 28 फरवरी को पंडित उल्हास कासलकर, पं.योगेश सामसी और तन्मय देचके परफॉर्म करने वाले है। पद्म श्री अवॉर्ड से नवाजे जा चुके और महान हिंदुस्तानी क्लासिकल वोकलिस्ट पं. उल्हास कासलकर, कोलकाता में आयोजित स्वर सम्राट फेस्टिवल के कंसर्ट को देख चुके हैं और इससे बहुत प्रभावित भी हुए थे। उन्होंने कहा, “स्वर सम्राट फेस्टिवल में एक अच्छे स्टैंडर्ड के म्यूजिक को प्रजेंट किया जाता है। मुझे वर्चुअल कंसर्ट के कांसेप्ट समझ में नहीं आते। लाइव कॉन्सर्ट में परफॉर्म करने का मजा ही कुछ और होता है जहाँ आप अपने बगल में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को महसूस करते हैं।”

 

इसके अलावा, SSF 20-21 में SSF चैम्पियनशिप नामक एक ग्लोबल डिजिटल कांम्पटीशन भी हुआ। सभी लेजेंडरी म्यूजीशियन और डांसरों के परफॉरमेंस को ऑडियंस www.swarasamratfestival.com पर देख सकते हैं

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