राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के अन्य जनपद भारी प्रदूषण की चपेट में है जिसके कारण हर वर्ष लाखो लोगों की मौत हो रही हैं। वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव के नतीजों से चिंतित सामाजिक संगठन वादा फाउंडेशन ने वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु “जीवन बचाओ जन-जागरूकता अभियान” की शुरुआत तेलीबाग चौराहा लखनऊ से किया। उपरोक्त जन-जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लोगो को वायु प्रदूषण के कारणो तथा उसके दुष्प्रभाव पर चर्चा कर सभी से ये अपील की गई की वायु प्रदूषण को रोकने हेतु अधिकतम लोगो को जागरूक करे तथा ना तो खुद प्रदूषण फैलाये बल्कि अगर कोई ऐसा कर रहा है तो उसे भी समझाये।

कार्यक्रम मे ‘नहीं मिलेंगा जीवन दोबारा’ ‘प्रदुषण मुक्त हो पर्यावरण हमारा’ ‘हम सबने है मिलकर ठाना’ ‘प्रदुषण को जड़ से है मिटाना’ ‘आओ सब मिलकर कसम ये खाये, प्रदुषण को धरती से दूर भगाये’ आदि सहित अनेकों नारो और प्ले कार्ड के माध्यम से वायु प्रदूषण के प्रति लोगो को सचेत करने का कार्य किया गया। अभियान में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ह्यूमन राइट्स मानिटरिंग फोरम के अमित ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट में विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में अकेले भारत के 15 शहर शामिल किए गये हैं। उत्तर प्रदेश से लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा और फिरोज़ाबाद को शामिल किया गया है।
सरकार प्रदूषित शहरों में स्वच्छ हवा के लिए हर संभव उपाय करने का वायदा कर रही है लेकिन संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। मीडिया मे आई रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण से भारत मे सालाना 10 लाख मौत हो रही है यदि बढ़ते वायु प्रदूषण को रोका नही गया तो इसके दुष्परिणाम अति भयावह होगे।

वादा फाउंडेशन के सचिव अंशुमान सिंह ने अभियान में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा की प्रदूषण के लिए सिर्फ सरकार या सरकार का एक विभाग जिम्मेदार नहीं होता इसमें कई विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। बढ़ते प्रदूषण को लेकर सिर्फ सरकार या सरकार के एक विभाग को जिम्मेदार ठहराना ठीक नही है। हम सरकार से अपील करते है कि वो बढ़ते प्रदूषण को रोकने हेतु कठोर कदम उठाये। लगातार बढ़ते प्रदूषण को रोकना सरकार के साथ-साथ हम सबकी भी ये ज़िम्मेदारी है कि जिस हवा में वह सांस ले रहें है उसे स्वच्छ रखने के लिए हर संभव प्रयास करे।

भारतीय निर्माण मजदूर यूनियन के रविन्द्र मिश्रा ने कहा की वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर गरीबों और मजदूरों के स्वास्थ पर पड़ रहा हैं। जिसके कारण उनका पूरा परिवार भारी बिमारी के चपेट में हैं जिसकी प्रमुख वजहें निर्माण स्थल पर नियमों का पालन न होना, पेड़ो का युद्ध स्तर पर कटान, बृक्षा रोपण की कमी, कूड़ा जलाना, डीजल-पेट्रोल आधारित परिवहन, कोयला आधारित उद्योग, जाम की समस्या, पॉलीथिन का प्रयोग, गंदगी, शहर की ओर लोगों का पलायन इत्यादि सहित अनेक कारण है।

वादा फाउंडेशन की माधुरी ने कहा की बढ़ते प्रदूषण से तरह तरह की बीमारिया फैल रही है जिसके इलाज़ मे बहुत सारे रुपये लग रहे और भारी संख्या मे जन हानि हो रही है। आज बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए समाज को अधिक से अधिक जागरुक करने की जरूरत है। इसके लिए हम सभी को आगे आना होगा। वादा फाउंडेशन द्वारा प्रदूषण की रोकथाम हेतु “जीवन बचाओ जन-जागरूकता अभियान” आगे भी निरंतर जारी रहेगा। कार्यक्रम में मुन्नालाल प्रजापति, सिमरन, जीतेन्द्र, आरती, मुन्नी, गोपाल, भल्लू सहित सैकड़ों लोग शामिल रहें।

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